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Govind damodar stotra: karar vinden padar vinden ....govind damodar madhveti

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करार विन्दे  न पादारविन्दं  मुखार   विन्दे विनवे शयन्तम्  वटस्य पत्रस्य  पुटे शयानम् बालं  मुकुन्दंमनसा स्मरामि श्री कृष्ण  गोविन्द हरे  मुरारी  हे नाथ नारायण वासुदेवः  जिह्वे पिबस्वः मुरुतमे तादेवः  गोविन्द दामोदर माधवेति  गोविन्द दामोदर माधवेति  विक्रेतु कामकिल गोप कन्या  मुरारी पदार्पित चित्तः वृत्ति  दद्यादिकम् मोह वशद वोचद्  गोविन्द दामोदर माधवेति  गृहे गृहे गोप वधु कदम्बा  सर्वे मिलित्व सम वाप्य योगं  पुण्यानी नामनिम पठन्ति नित्यम्  गोविन्द दामोदर माधवेति  सुखं  शयानम्  निलये निजेपि  नामणि विष्णु प्रवादन्ति मार्तयः  ते  निक्षितम्  तनमायतम्  व्रजन्ति   गोविन्द दामोदर माधवेति  जिह्वे सदैवम् भजसुन्दरानी  नामानी कृष्णस्य मनोहरानी  समस्त भक्तार्ति विनाशनी   गोविन्द दामोदर माधवेति  श्री कृष्ण राधावर वर गोकुलम्  गोपाल गोवर्धन नाथ विष्णुः जिह्वे पिबस्व मृतमे तदेवः   गोविन्द दामोदर माधवेति...