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महाकाली के अवतार श्री क्रष्ण का स्वरूप राष्ट्रस्वरूप है...गीता का सार उनका तेजस्वरूप... उनका एक एक उद्घोष भारत की सोयी हुयी आत्मा को जाग्रत करने के लिये है...पुन:जीवन्त करने के लिये है मां एक ही होती है...मां भारती की आत्मा गीता के तेज से ही प्रतिबिम्बित है...जिसका जयघोष हम करते हैं...जय मां भारती